24 दिसम्बर 1993 को भिलाई (छ.ग.) में जन्मे अनमोल अवधिया का चित्रकारी के प्रति झुकाव बचपन से ही परिलक्षित हो गया था. चित्रकारी के प्रति इस रुझान को पहचानकर उनके माता-पिता ने उनकी इस रूचि को प्रोत्साहन दिया तथा 11 वर्ष की उम्र में ही अनमोल के बनाए चित्रों की प्रथम एकल प्रदर्शनी रायपुर में लगाई गयी. अगले 5 सालों तक अपने चित्रों का प्रदर्शन जारी रखते हुए उन्होंने रायपुर, भिलाई, कलकत्ता आदि शहरों में अपने चित्रों की एकल प्रदर्शनी लगाई. इसी दौरान बी.बी.सी. सहित दैनिक भास्कर, नव भारत, हितवाद इत्यादी अनेकों राष्ट्रीय एवं स्थानीय समाचार पत्रों ने उनके साक्षात्कार प्रकाशित किये. देश की एक महारत्न कंपनी ने अपने द्वारा कॉर्पोरेट स्तर पर भेजे जाने वाले ग्रीटिंग कार्ड्स में अनमोल के चित्रों का प्रयोग किया.
Anmol was born on 24th December in Bhilai. He showed great proclivity since an early age for painting. His parents encouraged and nurtured his passion which led to the first solo exhibition of his paintings at the tender age of 11.He continued to exhibit the wonderful results of his precocious brushstrokes for thenext 5 years with solo exhibits in Raipur, Bhilai and Kolkata. His paintings garnered widespread acclaim, admiration and surprise culminating in him getting interviewed by the BBC, local news channels and various national newspapers such as Dainik Bhaskar, Navbharat, Hitvada, etc. His paintings were also printed on greeting cards.
एक दक्ष चित्रकार होने के अलावा अनमोल भारतीय शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित संगीतकार के साथ ही गिटार एवं ताल वाद्यों के निपुण वादक भी हैं. संगीत एवं पढाई लिखाई में ध्यान देने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अनमोल 16 वर्ष के उम्र में चित्रकला प्रदर्शनियों के आयोजन को विराम दिया परन्तु चित्र बनाने का सिलसिला जारी रखा.
This sublime streak of exhibitions came to a stop at the age of 16 when Anmol decided to focus on other pursuits such as music, academics, etc., although he continued to paint. His foray into music, especially Indian classic music, moulded him into a classically trained musician, guitarist and percussionist making him a versatile genius.
देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में एक, पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री लेने के पश्च्यात 21 वर्ष की उम्र में अनमोल ने भारतीय दर्शन दिलचस्पी के चलते अपना समय प्राचीन आध्यात्मिक पद्धतियों के अध्ययन के प्रति समर्पित करने का निर्णय लिया तथा इस अंतर्दर्शन की प्रक्रिया के लिए अनुकूल स्थान की खोज के चलते अपने पैत्रिक ग्राम में तालाब के किनारे निवास हेतु मिट्टी का घर एवं ध्यान करने हेतु कुटीर बना कर रहने लगे.
He studied Psychology at Fergusson College in Pune which is one of the country’s most renowned and prestigious institutions.At the age of 21, Indian philosophy grabbed his attention. This made him take the decision to channelize his efforts into ancient spiritual practices. This pushed him to seek an environment that would be conducive to his contemplative and spiritual practices. He moved to his ancestral village to fulfill this. There he constructed a house of mud and a small Hut where he meditates on the almighty.
यहाँ पर उन्होंने समय बिताने के उद्द्येश्य से चित्रकारी न करके, केवल लोगों की मांग पर चित्र बनाना प्रारम्भ कर दिया. चूंकि आध्यात्मिक पद्धतियों के अध्ययन एवं क्रियान्वयन उनके जीवन का मुख्य उद्द्येश्य है अतः वो चित्रकारी को काफी सीमित समय ही दे पाते हैं. इस प्रकार उनके बनाए हुए चित्रों सीमित उपलब्धता के कारण उनके पहले बनाए गए चित्र बहुमूल्य हो गए है. हिन्दू पंथ के 4 पुरुषार्थों यथा, ‘धर्म’, ‘अर्थ’, ‘काम’ एवं ‘मोक्ष’, में अपनी प्रतिबद्धता के चलते, अनमोल आपकी मांग पर, सहर्ष, आपके लिए चित्र बना देंगे. इस प्रकार आपको प्रदान की जाने वाली चित्रकला, चित्रकार द्वारा किये ध्यान के दीर्घ अभ्यास से उत्पन्न आध्यात्मिक तेज से परिपूर्ण होगी जो कि आपके घर की सुन्दरता बढाने के साथ ही एक पवित्र शगुन के रूप में आपके परिवार के लिए सर्वांगीण विकास का कारक भी होगी अतः अनमोल की चित्रकारी आर्डर कर आप अपने घर की दीवार पर, आने वाली अनेक पीढ़ियों द्वारा संजोये जाने लायक एक उत्कृष्ट कलाकृति लगाइए ताकि वो आपको अपने प्रियजनों की यादों में अमर रखे.
At present, Anmol has stopped painting recreationally and only paints for a commission (as long as they do not interfere with his spiritual practices). This makes his early works very valuable as they are limited in number. Anmol believes in the Hindu doctrine of the four Purusharthas (aims) which are dharma, artha, kama and moksha and hence would be happy to paint a picture for you on commission. If you want to immortalize yourself or your loved ones in the form of a masterpiece that adorns the walls of your house and which remains with you for generations after you leave this mortal realm, then order a painting from Anmol! Since he is a spiritually evolved person, a painting produced by him would be infused with spiritual splendor arising from the spiritual sadhna (austerities) practiced by the artist and would bring about fortune and the all-round prosperity of the owner of a coveted painting of Anmol. So order a painting to not only adorn your home but also elevate your life.
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